तीन इलेक्ट्रिक बसों में लगी आग
मंगलवार को सुबह -सुबह, अहमदाबाद के वस्त्रल में जाडेश्वर बस डिपो में एक बड़ा आग से हादसा हुआ। अहमदाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन (AMC) के जनमार्ग बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) के तीन इलेक्ट्रिक बस में आग लग गयी, जिसकी वजह से बड़े नुक्सान हुए। लेकिन, खुश किस्मती से किसी भी चोट या कसुअलटी की खबर नहीं आयी।
चार्जिंग के वक्त लगी आग
हादसा तब हुए जब इलेक्ट्रिक बसे अपने रेगुलर चार्जिंग प्रोसेस में थे। AMC के एफसीरों के मुताबिक़, आग एक बस से शुरू हुई और फिर तेज़ी से दो और बसों में फैल गयी जो करीब पार्क की गयी थी। आग ने बस से जुड़े चार्जिंग यूनिट को भी नुकसान पहुँचाया।
जब तक फायर डिपार्टमेंट और पुलिस की जांच से फायर का असल कारन तय नहीं होता, शुरूआती रिपोर्ट शार्ट सर्किट को पॉसिबल ट्रिगर फैक्टर बताती हैं। ये सवाल उठता है की चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर या बस में किसी इलेक्ट्रिकल समस्या या मालफंक्शन का खतरा तो नहीं था।
भारी नुक्सान
आग ने काफी नुकसान किया, जिससे तीन इलेक्ट्रिक बस और उनके चार्जिंग स्टेशन अब काम नहीं कर सकते। ऑनलाइन में घूमने वाली तस्वीरें और वीडियो में जलने के हिस्से दिखाए गए हैं, जो आग की तेज़ी को साफ़ साफ़ दिखाते हैं। इस हादसे से शहर के इलेक्ट्रिक बस इनिशिएटिव को पीछे ले जाना पड़ा है, और सुरक्षा प्रोटोकॉल और मेंटेनेंस प्रक्रियाओं पर सवाल उठ गए हैं।
अहमदाबाद BRTS सिस्टम ने कुछ सालों में इलेक्ट्रिक बस का इस्तेमाल बढ़ाया है ताकि सस्टेनेबल पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा दिया जा सके। लेकिन, यह आग का हादसा दिखाता है की ऐसे रिस्क को कम करने के लिए सॉलिड सुरक्षा उपायों की ज़रुरत है।
चिंता वाली बात
वस्त्रल डिपो में आग लगने की घटना पहली बार नहीं है जब इलेक्ट्रिक बस में आग की खबरें भारत में आयी हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल ट्रेडिशनल फ्यूल-बेस्ड ट्रांसपोर्टेशन के मुकाबले एक साफ़ विकल्प हैं, लेकिन बैटरी सुरक्षा और आग के खतरों से जुडी चिंताएं अभी भी बानी हुई हैं। ये घटना एक याद दिलाने वाली है की इलेक्ट्रिक बस टेक्नोलॉजी के लिए सख्त सुरक्षा नियमों और मजबूत टेस्टिंग प्रक्रियों की ज़रूरत है।
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